उप्र में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पोस्टर लगाकर कहा- मुलायम सिंह जी का धन्यवाद

मुलायम सिंह ने यह कहकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है कि नरेंद्र मोदी को ही अगला प्रधानमंत्री बनना चाहिए। उन्होंने यह बयान 16वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के आखिरी दिन दिया। इस पर लखनऊ में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की तरफ से जगह-जगह पोस्टर लगाकार नेताजी को धन्यवाद दिया गया है।

उधर, मुलायम के सबसे खास माने जाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान का दावा है कि उनसे यह बयान दिलवाया गया है। वहीं, राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने कहा है कि नेताजी का बयान भ्रम पैदा करने वाला है। 

आजम बोले- बयान सुनकर दुख हुआ

आजम खान ने मुलायम सिंह यादव के बयान पर दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत दुख हुआ यह बयान सुनकर। यह बयान उनके (मुलायम के) मुंह में डाला गया है। यह बयान मुलायम जी का नहीं है, यह बयान नेताजी से दिलवाया गया है।’’

अमर सिंह ने कहा- कुछ लोग चाहते हैं मोदी शांत रहें

अमर सिंह ने कहा, ‘‘मुलायम सिंह यादव का यह बयान भ्रम पैदा करने के लिए है। चंद्रकला और राम रमन, जिन्होंने मुलायम और मायावती दोनों के मार्गदर्शन में नोएडा को लूटा और बच गए। वह चाहते हैं मोदीजी इस मामले में शांत बने रहें।’’

राबड़ी ने कहा- उनकी उम्र हो गई

वहीं, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, ‘‘उनकी उम्र हो गई है। याद नहीं रहता है कब क्या बोल देंगे। उनकी बोली का कोई मायने नहीं रहता है।’’

मुलायम ने क्या कहा था?

मुलायम सिंह ने बुधवार को लोकसभा में कहा था, ‘‘मैं प्रधानमंत्री को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने सबको साथ लेकर चलने का पूरा प्रयास किया। मैं चाहता हूं और मेरी कामना है कि सारे सदस्य फिर से जीत कर आएं और आप (मोदी) दोबारा प्रधानमंत्री बनें।’’

एक अहसासों से जुड़ा किस्सा और है, उस वक्त लोनावला में हमारा घर बनाया जा रहा था। मेरा टेस्ट जादू से बिल्कुल मुख़्तलिफ़ था। मैं छोटा वीकेंड हाउस चाह रही थी और जादू महलों जैसा आलीशान बंगला बनाना चाह रहे थे। इस दौर में हमारी बहुत बहस हुई। फिर उनके एक दोस्त ने मुझसे कहा - जावेद ने बहुत बुरे दिन देखे हैं। सड़कों पर रहा है वो, और ये घर उसका ख़्वाब है। बस मैं समझ गई। और फिर जैसा जादू चाहते थे, उसमें बख़ुशी शामिल हुई।

'जावेद में एक भी रोमांटिक बोन नहीं है'
जावेद के साथ किसी रोमेंटिक जगह जाने की ज़रूरत मुझे नहीं महसूस होती। वो घर की चारदीवारी को ही रूमानी बना देते हैं। हम दोस्ताना ही रहे हमेशा एक दूसरे के साथ और यही हमारी कामयाबी है जो जादू हमेशा दोहराते हैं कि शादी भी हमारी दोस्ती का कुछ बिगाड़ न सकी।

लड़कियां मुझसे पूछती हैं कि जावेद साहब इतनी रूमानी शायरी लिखते हैं, तो वो बड़े रोमेंटिक होंगे। आपके लिए कितना अश्आर लिख देते होंगे। मैं उन्हें कहती हूं - जावेद में एक भी रोमांटिक बोन नहीं है। कभी मैंने पूछा कि तुम शायर हो, कभी मेरे लिए तो कुछ लिखते नहीं? तो बोले- सर्कस में कलाबाज़ियां करने वाला शख़्स घर पर भी उल्टा लटकता है क्या? 

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