नए साल पर Xiaomi ने घटाईं TV की कीमतें, जानिए नई कीमत

चीनी टेक कंपनी शाओमी ने नए साल के मौके पर अपने स्मार्ट टीवी की कीमतें कम की हैं. कंपनी के मुताबिक सरकार द्वारा टीवी पर जीएसटी कम किया गया है. इसे 28% से कम करके 18% कर दिया गया है. हालांकि ये सिर्फ 32 इंच तक की टीवी तक के लिए लागू है. GST कम होते ही शाओमी ने भी TV सस्ती करने का ऐलान किया है.

अब Mi LED Smart TV 4A 32 इंच आप 12,499 रुपये में खरीद सकते हैं. इसकी असल कीमत 13,999 रुपये है जिसे 1,500 रुपये सस्ता किया गया है.

Mi LED TV 4C Pro 32 इंच की असल कीमत 15,499 रुपये है. नई कीमत 13,999 रुपये है यानी आपको यह टीवी 2,000 रुपये सस्ते में ही मिल जाएगा.

Mi LED TV 4A Pro यह 49 इंच मॉडल है. इसकी कीमत 31,999 रुपये है, लेकिन आप इसे 30,999 रुपये में खरीद सकते हैं. यानी इस पर भी कंपनी 1,000 रुपये की छूट दे रही है.

आप इन्हें कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट mi.com से खरीद सकते हैं.

शाओमी के एक स्टेटमेंट में कहा गया है, ‘हमारी फिलॉस्फी ये है कि हम किसी भी हार्डवेयर प्रोडक्ट्स पर सिर्फ 5% मार्जिन लेते हैं. अगर इससे ज्यादा मार्जिन हुआ तो उसे हम कस्टमर्स को वापस कर देते हैं’

शाओमी इंडिया के ऑनलाइन सेल्स और कैटिगरी हेड रघु रेड्डी ने कहा है, ‘हमें Mi फैंस के साथ यह खबर शेयर करते हुए काफी खुशी हो रही है. Mi TV ने काफी सफलता पाई  है और भारत में यह पॉपुलर है और लोग इसे पसंद करते हैं. TV एक्सपीरिएंस को बेहतर बनाने के लिए Mi TV हाई क्वॉलिटी देता है और इसमें शानदार स्पेसिफिकेशन हैं जिसमें कस्टमाइज्ड पैचवॉल दिया गया है. इसे बेस्ट कॉन्टेंट के लिए डिजाइन किया गया है’

चुनावी वादे: बीते 4 साल के दौरान देश में चुनावी वादों के अच्छे दिनों की दरकार रही है. इन अच्छे दिनों के लिए देश में उत्पाद और सेवाओं की कम कीमत के साथ-साथ आम आदमी के लिए मूलभूत सुविधाओं पर जोर रहा है. बेहतर सड़क, पर्याप्त बिजली, मजबूत और सुरक्षित जन-यातायात, स्वास्थ सुविधा, प्रभावी शिक्षा व्यवस्था चुनावी वादों के जरिए सरकार के दायित्व में शामिल है. इन वादों को पूरा करने के लिए बेहद जरूरी है कि केन्द्र सरकार के राजस्व में इजाफा होता रहे और वह तभी संभव है जब देश में रोजगार के बड़े अवसर पैदा हों. इनके अलावा आगामी चुनावों से पहले देश की शीर्ष राजनीतिक दल लोकलुभावन वादों की बारिश कर रहे हैं जिनका महज नकारात्मक असर देश के विकास की गाथा पर पड़ेगा.

ये हैं आर्थिक आंकड़े जिनका 2019 चुनावों से पहले सरकार के पक्ष में होना जरूरी है 

वैश्विक संकट: भारत में तेज विकास दर ऐसी स्थिति में है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था सिकुड़न के दौर में है. दुनिया की ज्यादातर बड़ी अर्थव्यवस्थाएं गंभीर चुनौतियों से घिरी है. अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुए ट्रेड वॉर का असर दोनों अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ यूरोप और एशिया की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ रहा है. 2019 के दौरान ट्रेड वॉर और गंभीर चुनौती खड़ा कर सकता है जिसका खामियाजा भारत समेत कई एशियाई देशों को भुगतना पड़ेगा. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है. जहां 2018 में कच्चे तेल की कीमत में एक बार फिर इजाफा शुरू हुआ वहीं कच्चे तेल के उत्पादक खाड़ी देश 2014 से 2017 तक कमजोर कीमत के चलते कड़ी चुनौतियों में घिरे हैं. लिहाजा, 2019 के दौरान भारत के विकास की कहानी के लिए बेहद जरूरी है कि कच्चा तेल सामान्य दर पर उपलब्ध रहे जिससे सरकार के राजस्व पर अतिरिक्त बोझ न पड़े.

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