गोवा में भाजपा सरकार का प्रदर्शन खराब; मंहगाई-बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर फेल

पणजी. गोवा में भाजपा सरकार का प्रदर्शन बेहद खराब और निराशाजनक रहा है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स (एडीआर) के द्वारा गोवा में वोटर्स के बीच कराए गए सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई। गोवा सरकार वोटर्स के पैरामीटर पर रोजगार, स्वच्छता, महंगाई, स्वास्थ्य और खाद्य दर जैसे मुद्दों पर असफल रही। यह सर्वे अक्टूबर और दिसंबर 2018 के बीच राज्य के कुछ प्रमुख मुद्दों को लेकर कराया गया था। जिसका परिणाम मंगलवार को सार्वजनिक किया गया।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार-स्वच्छता के मुद्दे
सर्वे के मुताबिक, राज्य के ग्रामीण वोटर्स के लिए रोजगार, स्वच्छता और उपभोक्ताओं के लिए कम दर में राशन उपलब्ध कराना मुख्य मुद्दे रहे। वोटर्स को सरकार से इन्हीं तीन मुद्दों पर काफी उम्मीद थी, लेकिन सरकार पूरी तरह से विफल रही। रोजगार को लेकर युवाओं में सरकार के प्रति आक्रोश भी देखा गया।

गोवा के ग्रामीण वोटर्स ने रोजगार के मामले में सरकार को 5 में से 2.66 रेटिंग, जबकि उपभोक्ताओं के लिए खाद्य दर के लिए 2.56 रेटिंग दी। अच्छी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और बेहतर हॉस्पिटल सुविधा के मामले में सरकार को 2.65 रेटिंग मिली है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था के मामले में भी सरकार के प्रदर्शन को देखते हुए 2.46 और स्वच्छता के लिए 2.5 रेटिंग दी गई।

गोवा के शहरी वोटर्स ने अपने लिए रोजगार, ट्रैफिक समस्या और स्वच्छता बड़े मुद्दे बताए हैं। गोवा सरकार शहरी वोटर्स के इन तीनों मुद्दों पर असफल नजर आई। शहरी वोटर्स ने रोजगार के मामले में राज्य सरकार को 5 में से 2.58 रेटिंग ही दी।

शहरी वोटर्स ने ट्रैफिक समस्या के लिए सरकार को 2.56 और स्वच्छता के मामले में 2.66 रेटिंग दी। साथ ही अच्छी सड़कों और पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के मामले में भी सरकार नाकाम नजर आई। सड़कों के मामले में शहरी वोटर्स ने सरकार को 2.46 और पीने योग्य पानी की समस्या जैसे मुद्दों के लिए 2.64 रेटिंग दी।

850 साल पुराना है नोट्रे डेम कैथेड्रल
नोट्रे डेम का निर्माण 1160 से शुरू हुआ था, जो कि 1260 तक चला। फ्रेंच गॉथिक आर्किटेक्ट का यह नायाब नमूना 69 मीटर ऊंचा है। इसके शिखर तक पहुंचने के लिए 387 सीढि़यां चढ़नी पड़ती है। यहां नेपोलियन बोनापार्ट का राज्याभिषेक किया गया था। हर साल इसे देखने 1.2 करोड़ लोग आते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मायावती की अपील खारिज की
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रचार पर रोक के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। उनके वकील ने कहा कि आयोग ने मायावती का पक्ष सुने बगैर एकतरफा कार्रवाई की है। यह आदेश रद्द किया जाना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं लगता कि इस मामले में कोई आदेश दिया जाना चाहिए।

25 मार्च को जेट एयरवेज के बोर्ड ने रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी। इसके तहत एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्शियम से एयलाइन को 1,500 करोड़ रुपए की फंडिंग मिलनी थी। लेकिन, बैंकों की ओर से अभी तक सिर्फ 300 करोड़ रुपए ही मिल पाए हैं। बैंक प्रक्रिया संबंधी देरी (प्रॉसिडरल डिले) को इसकी वजह बता रहे हैं।

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