26/11 मुबंई हमले के 10 साल बाद कितनी मज़बूत है समुद्री सीमाएं

आज से 10 साल पहले 2008 में नवंबर के महीने में समुद्र के रास्ते कुछ चरमपंथी मुंबई में घुसे थे और एक बड़े हमले को अंजाम दिया था. भारत ने इस हमले के लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया था.

उस हमले का असर आज तक भारत-पाक रिश्तों पर दिखता है. मुंबई हमलों के वक़्त भारतीय नौसेना की तैयारियों और समुद्री सीमा की सुरक्षा पर भी कई सवाल खड़े किए गए थे.

अब 10 साल बाद भारतीय नौसेना इस तरह के हमलों के लिए किस हद तक तैयार है और इसके अलावा समुद्री सीमा पर चीन के विस्तार का जवाब किस तरह देखा जा रहा है, इन तमाम मुद्दों पर बीबीसी संवाददाता जुगल पुरोहित ने नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा से बात की.

आईएनएस अरिहंत को भारतीय बेड़े में शामिल किए जाने के बाद एक पूर्व नौसेना प्रमुख समेत कई टिप्पणीकारों ने माना था कि सिर्फ एक परमाणु पनडुब्बी (आईएनएस अरिहंत) भारतीय नौसेना के लिए काफ़ी नहीं है. भारत को और भी परमाणु पनडुब्बियों की ज़रूरत है और एक पनडुब्बी शामिल होने पर इतनी ख़ुशी ज़ाहिर करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है. इस पर आपका क्या कहना है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुद्री सीमाओं के बचाव के लिए लगातार पेट्रोलिंग की बात कही है, अब इसमें मुझे कुछ नहीं कहना है. आप समुद्री सीमाओं में बचाव के लिए ज़्यादा पनडुब्बियों को शामिल करने की बात कर रहे हैं तो मैं इतना कहना चाहूंगा कि हम इस दिशा में काम कर रहे हैं.

बीते साल दिसंबर में आपने कहा था कि और अधिक परमाणु पनडुब्बियां बनाने का काम शुरू हो गया है, वह काम कहां तक पहुंचा है?

न्यूक्लियर सबमरीन दो तरह की होती हैं, एक एसएसएन जो कि परमाणु क्षमता से लैस होती है और दूसरी एसएसबीएन. मैंने पिछली बार एसएसएन सबमरीन को लेकर बयान दिया था. हमें छह एसएसएन सबमरीन को बनाने की अनुमति मिल गई है. इस समय भारतीय नौसेना उनकी डिज़ाइन पर काम कर रही है और हमें इनके निर्माण की अनुमति मिल जाएगी.

क्या भारतीय नौसेना परमाणु शक्ति से चलने वाले एयरक्राफ़्ट कैरियर के बारे में भी गंभीरता से सोच रही है? क्या इसके अस्तित्व में आने की उम्मीद है?

हमने रक्षा मंत्रालय से भारत में निर्मित अपने दूसरे एयरक्राफ़्ट कैरियर के बारे में बात की है. हमने इसके प्रॉपल्शन प्लांट की समीक्षा की थी. हम परमाणु शक्ति से चलने वाला एक एयरक्राफ़्ट कैरियर बनाना चाहते थे लेकिन प्रस्तावित एयरक्राफ़्ट कैरियर के लिए गति की ज़रूरत थी. लेकिन, अब बिजली से चलने वाले प्लांट उपलब्ध हैं. ऐसे में हमने तय किया है कि हमारा अगला एयरक्राफ़्ट कैरियर कंवेशनली पॉवर्ड एयरक्राफ़्ट कैरियर होगा.

भारत के पास रूस से लीज़ पर लिया हुआ एक परमाणु शक्ति से चलना वाला सबमरीन आईएनएस चक्र है. लेकिन, इसकी लीज़ जल्द ही ख़त्म होने वाली है. हमने सुना है कि इस लीज़ को लेकर रूस के साथ बातचीत जारी है. इस पर अब तक क्या प्रगति हुई है?

हम रूस के साथ एक दूसरी परमाणु शक्ति से चलने वाली न्यूक्लियर सबमरीन लेने के संबंध में बात कर रहे हैं.

क्या इसमें अब तक किसी तरह की सफ़लता मिली है?

मैं इस मुद्दे पर बस इतना ही कहना चाहूंगा. इस बीच आईएनएस चक्र हमारे साथ है जो कि सीमाओं का ध्यान रख रही है. हम रूस के साथ इस सबमरीन की लीज़ बढ़ाने को लेकर बात कर रहे हैं.

Comments